भारत ने फास्ट ट्रैक प्रोसेस के तहत करीब 700 करोड़ रुपये की कीमत की 72,400 असॉल्ट राइफल खरीदने की डील साइन की है. इन राइफल की डील एक अमेरिकी कंपनी के साथ की गई है. रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. ये राइफल अमेरिकी सुरक्षा बलों के साथ ही कई दूसरे यूरोपीय देशों में भी इस्तेमाल हो रही हैं.
अधिकारियों ने बताया कि भारत ने फास्ट ट्रैक प्रोक्योरमेंट (एफटीपी) के तहत एसआईजी जॉर असॉल्ट राइफल के लिए अमेरिका के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. इस डील के तहत भारत को आज से एक साल के भीतर अमेरिकी कंपनी एसआईजी जॉर से 72,400 7.62 एमएम राइफल मिल जाएंगी.
उन्होंने बताया कि ये नई राइफलें करीब 700 करोड़ रुपये की कीमत पर खरीदी जा रही हैं. अधिकारियों के मुताबिक भारतीय सशस्त्र बल फिलहाल 5.56x45 एमएम इन्सास राइफलों से लैस हैं. इन राइफलों की जगह पर 7.62x51 एमएम असॉल्ट राइफलों को प्रयोग में लाने की जरूरत महसूस की जा रही है. ये असॉल्ट राइफलें छोटी, ठोस, आधुनिक तकनीक वाली हैं. इसके अलावा, इन्हें युद्ध की विषण परिस्थितियों में काम में लाना भी कहीं ज्यादा आसान है.
बता दें कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में एसआईजी जॉर राइफलों की खरीद को मंजूरी दी थी. इनका इस्तेमाल चीन के साथ लगने वाली करीब 3,600 किलोमीटर की सीमा पर तैनात सेना करेगी. इससे पहले, अक्टूबर 2017 में सेना ने सात लाख राइफलों, 44,000 लाइट मशीन गन (एलएमजी) और करीब 44,600 कार्बाइनों की खरीद की प्रक्रिया शुरू की थी.
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